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Showing posts from 2018

बेसन की बूंदी - हनुमानजी का प्रसाद

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नमस्ते भारत, आज फिर से हाज़िर है आप का ब्लॉगर दोस्त एक और रोचक तथ्य ले कर। यह भगवान और खाने के रिश्ते को ले कर है। इससे पहले भी दो ब्लॉग लिख चुका हूँ यह तीसरा है। में बचपन से हनुमानजी के मंदिर मे जाता हूँ। पिछले मंगलवार भी गया था। मंदिर मे हनुमानजी के दर्शन कर बूंदी का प्रसाद ले कर मंदिर की सीढ़ियों पर जा कर बैठ गया, मंदिर की सीढियों पर बैठ कर जो सुकून मिलता है उसका आनंद अलग ही है। वहा कुछ बच्चे खेल रहे थे और कुछ प्रसाद खा रहे थे प्रसाद खाते बच्चों को देख मुझे मेरा बचपन याद आगया। मेरा बचपन सयुक्‍त परिवार में बीता है, मेरे ताऊजी मतलब बड़े पापा का हनुमानजी से कुछ खास रिश्ता है। वो हर मंगलवार हम सब भाई बहनों को अपने साथ हनुमानजी के मंदिर ले जाते थे। मेरे मंदिर जाने के सिर्फ दो ही कारण थे पहला बड़े पापा साथ उनकी बाइक तब उनके पास राजदूत गाड़ी हुआ करती थी, उसपे बैठने मिलता था और दूसरा और खास कारण मंदिर मे प्रसाद मिलता था बूंदी का जो मुझे बहुत पसंद था। गरमा गरम बूंदी खाने का मज़ा ही अलग है और साथ मे थोड़ी नमकीन मिल जाए तो मजा दोगुना हो जाता है , इसलिए मे मंदिर में तो प्रसाद खाता ही था, पर ...

खीर और देवी माँ /kheer recipe

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👉 खीर - खीर मेरे लिए सिर्फ एक खाने की चीज़ नहीं प्यार है मेरा, प्यार कैसे ना हो पापा मम्मी दोनों मिलकर जो बनाते है इसे, इसलिए खीर से प्यार तो होना ही। मुझे खीर ठंडी पसंद है "फ्रीज़ वाली ठंडी खीर" और उस पर ढेर सारे काजू बादाम हो तो उसका स्वाद और बढ़ जाता है। मेरे घर पर खीर हमेशा मिट्टी के चूल्हे पर बनती है क्योंकि गैस स्टोव पर बनी खीर मे वो मज़ा नहीं आता जो मिट्टी के चूल्हे पर बनी खीर में आता है। . 👉 देवी माँ और खीर - खीर को संस्कृत मे क्षीर / पायसम् कहा जाता है। देवी माँ और खीर का रिश्ता भी अनोखा है। ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी माता को खीर बहुत पसंद है, इसलिए लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार की शाम को लक्ष्मी माता को खीर का भोग लगाया जाता है। इसी तरह शरद पूर्णिमा की रात को भी महालक्ष्मीका पूजन कर खीर को पूरी रात चंद्रमा की रोशनी मे रख कर अगले दिन ब्रह्माणों को भोजन कराया जाता है ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने घर मे सुख शांति रहती है। देवी माँ और खीर का अनोखा रिश्ता हम जम्मू-कश्मीर के गान्दरबल जिले के तुलमुला गांव एक पवित्र स्थान मे देख सकते है, जहा भवानी देवी...

नवरात्रि और व्रत वाला खाना

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"नवरात्रि और व्रत वाला खाना" 👉 नवरात्रि हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार हैं। जिसे पूरे भारत में बड़े उत्साह से मनाया जाता हैं। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द हैं, जिसका अर्थ हैं "नौ रातें"। इन "नौ रातों" और दस दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा कि जाति है। दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। . 👉 देवी माँ और खाने का एक अटूट बंधन हैं। जो हमे पौराणिक कथाओं से पता चलता हैं। एक कथा के अनुसार जब पृथ्वी पर पानी और अन्न की कमी की वजह से हाहाकार हो रहा था। तब माता पार्वती ने अन्नपूर्णा माँ का रूप धारण कर के लोगों का भरण पोषण किया था। इस वजह से अन्नपूर्णा माता को "खाने की देवी" कहा जाता है और इसलिए ही घर की बहू को भी अन्नपूर्णा माँ का रूप माना जाता है। 👉 हमे पोराणिक कथाओं से ये भी पता चलता है कि माता सीता भी बहुत अच्छा खाना बनाती थी। अयोध्या मे "सीता की रसोई" नाम से एक जगह भी है। इसी तरह द्रौपदी भी अपने मेहमानों की आवभगत के लिए प्रसिद्ध है, यह कहा जाता है कि इनकी रसोई से कोई भी बिना खाए नहीं जाता था। यहां तक कि जब द्रौपदी पांडवों के साथ जंगल में थ...